13 दिसम्बर 2011
नई दिल्ली। सम्पूर्ण राष्ट्र ने मंगलवार को जहां भारतीय संसद पर 10 साल पहले 13 दिसम्बर को हुए हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। वहीं, शहीदों के परिजनों और राजनेताओं ने कहा कि मामले में मौत की सजा पाए अफजल गुरु को फांसी पर न लटकाए जाने से न्याय में देरी हो रही है। इस आतंकवादी हमले में शहीद होने वाली केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला कांस्टेबल कमलेश कुमारी की पुत्री ने कहा, "मेरी माता जब शहीद हुईं तो उस समय मैं बहुत छोटी थी और यहां तक कि मैं अपनी माता को अच्छी तरीके से जानती भी नहीं थी।"
उन्होंने कहा, "अफजल जिसने मेरी माता की हत्या की, उसे अबतक फांसी नहीं दी गई, सर्वोच्च न्यायालय हालांकि उसे फांसी की सजा सुना चुका है। मैं चाहती हूं कि अफजल को जल्द से जल्द फांसी पर चढ़ाया जाए।"
हमले में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल विजेंद्र सिंह के बेटे बिपिन अडाना (23) ने कहा, "जबतक अफजल गुरु को फांसी पर नहीं लटकाया जाता, तबतक संसद हमले के शहीदों का कोई सम्मान नहीं हो सकता। जब सर्वोच्च न्यायालय ने अफजल गुरु को फांसी की सजा सुना दी है, तब अब तक इस पर अमल क्यों नहीं हुआ?"
ज्ञात हो कि 13 दिसम्बर, 2001 को हथियारबंद आतंकवादियों ने भारतीय संसद परिसर में हमला कर दिया था। इस गोलीबारी में नौ लोग मौके पर ही मारे गए थे। मारे गए लोगों में दिल्ली पुलिस के पांच कर्मचारी, सीआरपीएफ की एक महिला, संसद के दो गार्ड व एक माली शामिल थे। हमले में घायल एक फोटो पत्रकार ने बाद में दम तोड़ दिया। सुरक्षाकर्मियों ने हमला करने वाले पांचों आतंकवादियों को भी मार गिराया था।
हमले के एक साल बाद मामले में अफजल गुरु सहित चार अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई और सुनवाई के बाद इन्हें दोषी पाया गया। अफजल गुरु जिसे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी बताया जाता है, मामले में केवल उसे ही मौत की सजा सुनाई गई। उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास विचाराधीन है।
मंगलवार सुबह इस आतंकवादी हमले की 10वीं बरसी के अवसर पर उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के नेतृत्व में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज व अन्य सदस्यों ने संसद परिसर में श्रद्धांजलि समारोह में हिस्सा लिया।
विभिन्न दलों के नेताओं ने शहीदों की याद में एक मिनट का मौन रखा।
शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए स्वराज ने पत्रकारों से कहा, "यह दिन हमें याद दिलाता है कि भविष्य में इस तरह के आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए केवल देश को ही और प्रतिबद्ध नहीं होना चाहिए बल्कि दोषियों को भी सजा मिलनी चाहिए।"
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने माना कि देश में कानून के क्रियान्यवन की गति सुस्त है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "देश में कानून का शासन जिस गति से लागू होता है उससे कई बार हम संतुष्ट नहीं होते और यही कारण है कि हमारे पास न्याय सुनिश्चित कराने के लिए एक लक्ष्य है।
रेड क्रॉस सोसायटी ने संसद में एक रक्त दान शिविर का आयोजन किया था।
वहीं, बीते समय में आतंकवादियों के निशाने पर रहे आल-इंडिया एंटी-टेररिस्ट फ्रंट (एआईएटीएफ) के प्रमुख मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा ने कहा, "हमें अपमानित न करें..हमें जो पेट्रोल पम्प आवंटित हुए हैं, उसे वापस ले लें लेकिन अफजल को फांसी दें।"
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।